Saturday, February 14, 2009

धन्यवाद भगवा ब्रिगेड

संत वैलेंटाइन की कहानी बताती है रोम के राजा ने अपनी सेना बढ़ाने के लिए रोमवासियो का भर्ती अभियान चलाया, मगर शादी-शुदा और मुहब्बत में यकीन रखने वाले रोम के लोगो ने सेना में ज़रा सा भी मोह नहीं दिखाया। तब क्लाउडियस जो वहां का राजा था, उसने शादी और प्यार करने करने पर पाबन्दी लगा दी जो रोमवासियो को नागवार गुज़रा। ऐसे में आगे आए एक पादरी जो वहां शादिया कराया करते थे। इन्ही संत का नाम था संत वैलेंटाइन। संत वैलेंटाइन ने चोरी छुपे शादिया करवाना जारी रखा, मगर जब क्लाउडियास को इसका पता चला तो उसने संत को मरवा दिया। संत ने अपने आखरी संदेश में लिखा "प्यार और मुहब्बत के जज्बे को कभी मरने मत देना -तुम्हारा वैलेंटाइन"। जिस दिन संत वैलेंटाइन को मारा गया वो था 14 फरवरी और इसीलिए इस दिन को प्यार के जज्बे के नाम कर दिया गया।
"प्रेम की अभिव्यक्ति करने के लिए किसी एक दिन विशेष की कोई आवश्यकता नहीं है।" भगवा ब्रिगेड का यही मानना है। मगर इस भगवा ब्रिगेड में जो नौजवान हैं उनकी वैलेंटाइन शायद ऐसा नहीं सोचेंगी। वास्तव में ये बात सही है की इज़हार-ऐ-इश्क के लिए कोई एक दिन मुक़र्रर नहीं हो सकता मगर जिस दिन आप अपने प्रेम का इज़हार करें वो दिन 14 फरवरी हो ऐसा तो हो सकता है। असल में भगवा ब्रिगेड का कहना है "ये भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है और इससे भारतीय संस्कृति को खतरा है"। मेरी समझ में ये नहीं आता की अगर संस्कृति पूरे भारत से सम्बन्ध रखती है तो बाकी धर्म यानि मुस्लिम, सिख, जैन आदि को इस पर्व से परहेज़ क्यूँ नहीं है? और अगर ये समझें की 'वैलेंटाइनस डे' से सिर्फ़ हिंदू धर्म को खतरा है तो क्या ये सनातन धर्म सिर्फ़ कुछ नौजवानों के एक फूल देने भर से खतरे में पड़ जायेगा?
असल में जब नौजवानों के पास मुद्दों का आभाव होता है तब यही स्थिति पैदा हो जाती है। शक्ति का सार्थक उपयोग ही आज के समय की मांग है। किन्ही नौजवानों के फूल या गिफ्ट देने से सनातन धर्म का कोई नुक्सान नही होगा बल्कि भगवा ब्रिगेड के इन बेवकूफाना कार्यो से 'हिंदू बच्चे' अपने धर्म से दूर होते जायेंगे। जिस तरह आज किसी भी मुसलमान बच्चे को 'आतंकवादी' की नज़र से देखा जा रहा है। उसी तरह हिंदू बच्चे भी 'धार्मिक उन्मादी' की तरह देखे जाने लगेंगे।
वैसे भगवा ब्रिगेड से सबसे ज़्यादा फ़ायदा भी 'वैलेंटाइन डे' को ही हुआ है। भगवा ब्रिगेड के इस विरोध के चलते ही इस त्यौहार का इतना प्रचार हो रहा है। धन्यवाद भगवा ब्रिगेड।

2 comments:

Satish said...

Aap ko kisne bataya ki baki dharma wale valentine day manate hai aur dusra आज किसी भी मुसलमान बच्चे को 'आतंकवादी' की नज़र से देखा जा रहा है।
aap kis news paper me hai

अमित माथुर said...

सतीशजी, सबसे पहले तो मेरे ब्लॉग पर पधारने का धन्यवाद. दूसरे मैंने कहीं भी ये नहीं कहा है की दूसरे धर्मवाले वैलेंटाइन डे मनाते हैं मेरा कहना ये है की उन्होंने वैलेंटाइन डे का विरोध नहीं किया है. तीसरा और सबसे अहम् की हम और आप हिंदू होने के नाते ये नहीं समझ पायेंगे की कैसे हर मुसलमान बच्चे को आतंकवादी समझा जाता है. आपने कभी अनुभव किया हो शायद की नमाजी टोपी पहने किसी लड़के की तलाशी चाहे वो मेट्रो स्टेशन हो या कहीं और बाकी सबसे ज़्यादा होती है. क्या कभी आपने देखा है 'तिलक' लगाये हुए किसी आदमी की ऐसी तलाशी हो रही हो? और जहाँ तक इस बात का जवाब की मैं कौन से न्यूज़पेपर से हूँ वो यहाँ बिल्कुल बेमानी है क्यूंकि ये ब्लॉग सिर्फ़ मेरे विचारो की उलझन तो सुलझाने का जरिया है और मेरे विचार किसी भी तरह से किसी भी दूसरे व्यक्ति, समाज, या संस्था के दबाव में नहीं हैं. माफ़ कीजियेगा मुझे ब्लॉग लिखने से ज़्यादा टिप्पणिया लिखने में मज़ा आता है, इसीलिए ये जवाब इतना लंबा हो गया. आते रहिएगा -अमित माथुर

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