Monday, July 1, 2013

वन्देमातरम मित्रो, बहुत दिन लगभग तीन साल से ज्यादा हुआ जाता है मैंने ब्लॉग नहीं लिखा. पता नहीं क्यों लिखने की आदत सी नहीं रही। सोचता हूँ पता नहीं मेरे लिखने से कुछ हो भी रहा है या बस यु ही अपने हाथो को और अपने दिमाग को कष्ट में डाल  रहा हूँ। वैसे विचार समाप्त हो गए हों ऐसा नहीं है मगर मैं एक बहुन्मुखी (एक्स्ट्रोवर्ट ) व्यक्ति हूँ तो ज़्यादातर भाव बोल कर व्यक्त करता हूँ शायद यही वजह है की मैं अब ज्यादा लिखता नहीं हूँ। आज मेरे मित्र विजेन्द्र विज ने कहा की कुछ लिखिए ब्लॉग पर तो याद आया की अरे हाँ मेरा भी तो एक ब्लॉग है। तो चलिए अब मैं आपसे मिला करूँगा अपने भावो और विचारो के साथ. तब तक के लिए आज्ञा  दीजिये। जय हिन्द।

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विचारको की मित्रमंडली